दोस्तों, क्या आपके टखने में दर्द रहता है? टखने का दर्द, जिसे मेडिकल भाषा में एंकल पेन (Ankle Pain) भी कहते हैं, एक आम समस्या है जो किसी को भी, कभी भी हो सकती है। चाहे आप एक एथलीट हों, रोज़ाना के कामों में लगे हों, या बस एक गलत कदम उठा लिया हो, टखने का दर्द आपके जीवन को मुश्किल बना सकता है। इस लेख में, हम टखने के दर्द के पीछे के मुख्य कारणों को समझेंगे और जानेंगे कि आप इससे कैसे राहत पा सकते हैं। यह सिर्फ चोट लगने की बात नहीं है, बल्कि कई बार अंदरूनी समस्याएं भी टखने के दर्द का कारण बन सकती हैं। तो चलिए, इस दर्द की जड़ों तक जाते हैं और समझते हैं कि टखने में दर्द का क्या कारण है ताकि हम सही उपचार की ओर बढ़ सकें।

    मोच (Sprain): टखने के दर्द का सबसे आम कारण

    जब हम टखने के दर्द के कारणों की बात करते हैं, तो सबसे पहले और सबसे आम कारण मोच ही होता है। टखने की मोच तब आती है जब टखने के आसपास के लिगामेंट्स (ligaments) - वो रेशेदार ऊतक जो हड्डियों को जोड़ते हैं - खिंच जाते हैं या फट जाते हैं। यह अक्सर तब होता है जब आप चलते, दौड़ते या कूदते समय पैर को गलत तरीके से रखते हैं, जैसे कि किसी असमान सतह पर पैर पड़ना या पैर का मुड़ जाना। टखने में मोच के लक्षण में अचानक तेज दर्द, सूजन, चोट वाली जगह पर नील पड़ना (bruising) और टखने को हिलाने-डुलाने में कठिनाई शामिल है। मोच की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है; कुछ हल्की होती हैं जिनमें केवल लिगामेंट्स खिंचते हैं, जबकि कुछ गंभीर हो सकती हैं जिनमें लिगामेंट्स पूरी तरह फट जाते हैं, और ऐसे में चलने-फिरने में भी बहुत दिक्कत हो सकती है। मोच को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि अगर इसका सही से इलाज न किया जाए, तो यह लंबे समय तक चलने वाले टखने के दर्द और अस्थिरता का कारण बन सकती है। इसके इलाज में आमतौर पर आराम (Rest), बर्फ लगाना (Ice), पट्टी बांधना (Compression), और पैर को ऊपर उठाना (Elevation) - जिसे RICE थेरेपी कहते हैं - शामिल है। गंभीर मामलों में, डॉक्टर की सलाह और फिजियोथेरेपी की आवश्यकता हो सकती है।

    फ्रैक्चर (Fracture): जब हड्डी टूट जाए

    मोच के बाद, टखने के दर्द का एक और गंभीर कारण है फ्रैक्चर। फ्रैक्चर का मतलब है टखने के आसपास की एक या अधिक हड्डियों का टूटना। यह आमतौर पर तब होता है जब टखने पर बहुत ज़्यादा ज़ोर पड़ता है, जैसे कि किसी ऊंचाई से गिरना, खेल के दौरान अचानक झटका लगना, या कोई गंभीर दुर्घटना। टखने में फ्रैक्चर के लक्षण काफी हद तक गंभीर मोच जैसे हो सकते हैं, लेकिन अक्सर ये ज़्यादा गंभीर होते हैं। इनमें बहुत तेज़ दर्द, सूजन, छूने पर अत्यधिक कोमलता, विकृति (deformity - यानी टखना असामान्य आकार का दिखना) और वजन उठाने या पैर पर ज़ोर डालने में पूरी तरह असमर्थता शामिल हैं। यह जानना बहुत ज़रूरी है कि क्या यह सिर्फ मोच है या फ्रैक्चर, क्योंकि दोनों के इलाज में बड़ा अंतर होता है। फ्रैक्चर के निदान के लिए एक्स-रे (X-ray) या सीटी स्कैन (CT scan) जैसे इमेजिंग टेस्ट की आवश्यकता होती है। इलाज में आमतौर पर टूटी हुई हड्डी को स्थिर करने के लिए प्लास्टर (cast) या ब्रेस (brace) का उपयोग किया जाता है, ताकि वह सही तरीके से जुड़ सके। कुछ गंभीर फ्रैक्चर के मामलों में, सर्जरी की भी ज़रूरत पड़ सकती है। फ्रैक्चर से उबरने में समय लगता है, और पूरी तरह ठीक होने के बाद भी, टखने की ताकत और गतिशीलता को वापस पाने के लिए फिजियोथेरेपी महत्वपूर्ण होती है।

    टेंडिनाइटिस (Tendonitis): टेंडन में सूजन

    टखने में दर्द क्यों होता है? इसका एक कारण टेंडिनाइटिस भी है। टेंडन, जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ते हैं, हमारे जोड़ों की गति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टखने के आसपास कई महत्वपूर्ण टेंडन होते हैं, जैसे कि एच्लीस टेंडन (Achilles tendon) और पेरोनियल टेंडन (peroneal tendons)। जब इन टेंडन में अत्यधिक उपयोग (overuse) या बार-बार होने वाले हल्के तनाव के कारण सूजन आ जाती है, तो उसे टेंडिनाइटिस कहते हैं। यह अक्सर उन लोगों में देखा जाता है जो बार-बार एक ही तरह की गतिविधि करते हैं, जैसे धावक या नर्तक। टखने में टेंडिनाइटिस के लक्षण में गतिविधि के दौरान या बाद में दर्द, टेंडन के आसपास सूजन, और प्रभावित क्षेत्र को छूने पर कोमलता शामिल है। दर्द अक्सर धीरे-धीरे शुरू होता है और समय के साथ बढ़ता जाता है। सही समय पर ध्यान न देने पर, टेंडिनाइटिस गंभीर हो सकता है और टेंडन के फटने (tendon rupture) का कारण भी बन सकता है। इसके इलाज में अक्सर गतिविधि में बदलाव, आराम, बर्फ लगाना, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और सूजन-रोधी दवाएं शामिल होती हैं। फिजियोथेरेपी टेंडन को मजबूत करने और भविष्य में होने वाली चोटों को रोकने में मदद कर सकती है।

    गठिया (Arthritis): जोड़ों का पुराना दर्द

    टखने के दर्द के पीछे कभी-कभी गठिया जैसी पुरानी बीमारियां भी हो सकती हैं। गठिया, जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है, टखने को भी प्रभावित कर सकता है। गठिया के कई प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे आम हैं ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) और रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)। ऑस्टियोआर्थराइटिस, जिसे 'घिसाव' वाला गठिया भी कहते हैं, आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ या चोट के बाद जोड़ों में कार्टिलेज (cartilage) के घिस जाने के कारण होता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ों पर हमला कर देती है, जिससे सूजन और दर्द होता है। गठिया से टखने के दर्द के लक्षण में जोड़ों में अकड़न (खासकर सुबह), दर्द जो गतिविधि के साथ बढ़ सकता है, सूजन, और टखने की गतिशीलता में कमी शामिल है। गठिया का दर्द लगातार हो सकता है और यह जीवन की गुणवत्ता को काफी प्रभावित कर सकता है। इसके प्रबंधन में अक्सर दर्द और सूजन को नियंत्रित करने के लिए दवाएं (जैसे NSAIDs), फिजियोथेरेपी, जीवनशैली में बदलाव (जैसे वजन नियंत्रण), और गंभीर मामलों में सर्जरी (जैसे ज्वाइंट रिप्लेसमेंट) शामिल हो सकती है।

    बर्साइटिस (Bursitis): बर्सा में सूजन

    टखने के दर्द के अन्य कारणों में से एक है बर्साइटिस। बर्सा (Bursa) छोटी, द्रव से भरी थैली होती है जो जोड़ों के आसपास हड्डियों, टेंडन और मांसपेशियों के बीच घर्षण को कम करती है। टखने के आसपास भी बर्सा होते हैं। जब इन बर्सा में अत्यधिक उपयोग, चोट, या दबाव के कारण सूजन आ जाती है, तो उसे बर्साइटिस कहते हैं। टखने में बर्साइटिस के लक्षण में प्रभावित बर्सा के आसपास दर्द, कोमलता, सूजन, और उस क्षेत्र को हिलाने-डुलाने में कठिनाई शामिल है। बर्साइटिस अक्सर उन गतिविधियों से बढ़ जाता है जो टखने पर बार-बार दबाव डालती हैं, जैसे लंबे समय तक खड़े रहना या चलना। यह अक्सर एक यांत्रिक समस्या होती है जो जोड़ों पर अत्यधिक तनाव के कारण होती है। बर्साइटिस के इलाज में अक्सर आराम, बर्फ लगाना, सूजन-रोधी दवाएं, और उस क्षेत्र पर दबाव कम करना शामिल है। कभी-कभी, डॉक्टर सूजन को कम करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन (corticosteroid injection) की सलाह दे सकते हैं। फिजियोथेरेपी मांसपेशियों को मजबूत करने और जोड़ों पर तनाव को कम करने में मदद कर सकती है।

    नर्व कंप्रेशन (Nerve Compression): नसों पर दबाव

    कभी-कभी टखने के दर्द का कारण नसों का दबना भी हो सकता है। टखने और पैर में कई नसें गुजरती हैं, और किसी भी कारण से इन नसों पर दबाव पड़ने पर दर्द, सुन्नता या झुनझुनी (tingling) हो सकती है। टखने के आसपास नसों के दबने के कुछ सामान्य कारण हैं: टखने की सूजन, फ्रैक्चर, गठिया, या ट्यूमर। एक विशेष स्थिति जिसे टार्सल टनल सिंड्रोम (Tarsal Tunnel Syndrome) कहते हैं, वह तब होती है जब टखने के अंदर की एक नस (posterior tibial nerve) दब जाती है, जिससे पैर के तलवे और टखने में दर्द, जलन या सुन्नता होती है। टखने में नर्व कंप्रेशन के लक्षण अक्सर सिर्फ दर्द तक सीमित नहीं रहते; इनमें प्रभावित नस के क्षेत्र में सुन्नता, झुनझुनी, या कमजोरी भी महसूस हो सकती है। नसों का दबना एक गंभीर स्थिति हो सकती है जो ठीक न होने पर स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है। निदान के लिए नर्व कंडक्शन स्टडी (nerve conduction studies) जैसी जांचें की जा सकती हैं। इलाज के विकल्पों में आराम, सूजन कम करने वाली दवाएं, फिजियोथेरेपी, और कुछ मामलों में सर्जरी शामिल हो सकती है ताकि नस पर दबाव कम किया जा सके।

    अन्य कारण और निवारक उपाय

    उपरोक्त मुख्य कारणों के अलावा, टखने के दर्द के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि इन्फेक्शन (infection), गाउट (gout - एक प्रकार का गठिया), या प्लांटर फेशियाइटिस (plantar fasciitis) से संबंधित समस्याएं। किसी भी तरह के लगातार या गंभीर टखने के दर्द को नज़रअंदाज़ न करें। यदि आपको असहनीय दर्द, अत्यधिक सूजन, या टखने को हिलाने-डुलाने में बिल्कुल भी सक्षम न हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    टखने के दर्द से बचाव के लिए कुछ सामान्य उपाय अपनाए जा सकते हैं:

    • सही जूते पहनें: ऐसे जूते चुनें जो आपके पैरों को अच्छी तरह से सपोर्ट करें, खासकर यदि आप दौड़ते या खेलते हैं।
    • व्यायाम से पहले वार्म-अप करें: मांसपेशियों और टेंडन को तैयार करने के लिए स्ट्रेचिंग और हल्की कसरत करें।
    • अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार व्यायाम करें: अचानक बहुत ज़्यादा ज़ोर या कसरत से बचें। धीरे-धीरे अपनी क्षमता बढ़ाएं।
    • संतुलन और मजबूती पर ध्यान दें: टखने और पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करें।
    • सतर्क रहें: चलते या दौड़ते समय, खासकर असमान सतहों पर, सावधान रहें।
    • स्वस्थ वजन बनाए रखें: ज़्यादा वजन टखनों और पैरों पर अतिरिक्त दबाव डालता है।

    याद रखें, अपने शरीर की सुनें। यदि आपको टखने में दर्द महसूस हो, तो उसे गंभीरता से लें और उचित देखभाल करें। सही जानकारी और समय पर उपाय आपको स्वस्थ और दर्द-मुक्त रखने में मदद कर सकते हैं।